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*मेले की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए एस.एफ. के जवानों की मेले में गुंडागर्दी* (दुकानदारों से कर रहे अभद्रता, पत्रकारों को दी , देख लेने की धमकी) मुलताई:—सैय्यद हमीद अली......



मुलताई ताप्ती मेले में गुरुवार बाजार के चलते जमकर भीड़ उमड़ी थी।, इसी बीच तय समय अनुसार 10 बजे झूले बंद करवा दिए गए। झूलो के बंद होते ही भीड़ होटल या खानपान तथा अन्य दुकानों पर खरीदी करते हुए अपने घर जाने लगे। तभी अचानक से रोज़ की तरह मेले में सुरक्षा के लिए तैनात एसएफ के जवान लोगो की दुकान पर पहुँचकर,अभद्रता  पूर्वक ग्राहको के सामने दुकानें बंद करने, और लाइट बंद करवाने की धमकी देने लगे।बोले दुकानें बंद करें? दुकानदारों ने कहा अभी ग्राहकी चल रही है,जब ग्राहकी नहीं होगी तो बंद कर देंगे। जिस पर मेले में कवरेज कर रहे स्थानीय पत्रकार कुलदीप पहाड़े ने सुरक्षा जवानों से सवाल किए और थोड़ी बहस होने लगी ,जिसपर साथियों द्वारा वीडियो बनाने पर उनमें से एक जवान द्वारा पत्रकार से अभद्रता की,और देख लेने की धमकी दी। मेले में दुकान लगाए दुकानदारों ने बताया कि, इस तरह एस.एफ. के जवानों द्वारा मेले में अपनी मनमानी करने के लिए उन्होंने अधिकारियों से शिकायत भी की है। जिस पर अधिकारियों ने मेले में व्यवस्था सुधारने का आश्वासन दिया है? दुकानदारों ने बताया कि, जब ग्राहकी का समय होता है ,तब ही यह जवान दुकान पर जाकर बंद करने की बात करते हैं, और नहीं तो अभद्रता करते हैं ।अगर मेले में ऐसा ही चलता रहा तो, मेले में व्यापारी अपना धंधा नहीं कर पाएंगे ,और उन्हें अत्यधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है? 

दुकानदारों ने बताया कि वैसे ही इस वर्ष मिला बहुत लेट लगा है, तथा  उनका धंधा लेट ही प्रारंभ हुआ है। कई दुकानदारों ने कर्ज लेकर अपनी दुकान लगाई है। अगर बाहर से आए ऐसे अधिकारी इस तरह मेले में दबाव बनाएंगे, तो व्यापारी कैसे अपना व्यापार कर पाएंगे? उनके सामने यह एक प्रश्न खड़ा हो गया है।

*मेला प्रभारी अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी देना चाहिए ध्यान?*

वैसे तो मेला लगने के पहले प्रशासन द्वारा मेला प्रभारी नियुक्त किया जाता है ।और नगर पालिका इस मेले में पूरी व्यवस्था करती है। तभी तो वह टैक्स वसूल कर पाती है ? परंतु व्यापारियों से टैक्स के पैसे तो लिए जा रहे हैं, पर उन्हें सुविधा मुहैया नहीं की जा रही है ? ऊपर से बाहर से आए एस एफ के जवान व्यापारियों को परेशान कर रहे हैं। इस पर मेला प्रभारी अधिकारी के साथ में स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी कर्तव्य है कि, वह मां ताप्ती के तट पर लगे कार्तिक मेले का विशेष ध्यान रखें, और व्यापारियों को परेशानी ना हो इसका भी पूरा-पूरा ध्यान रखें।

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