इन दोनों स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की पवित्र नगरी, प्रभात पट्टन सट्टा पट्टी काटने का मुख्य केंद्र बन गई है।यहां पर दो सगे भाइयों द्वारा, ओपन टू क्लोज का धंधा सरेआम चलाया जा रहा है। नवागत पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र जैन, एवं जिला मुख्यालय पुलिस दल लगातार सख्त कार्रवाई कर जिले में चल रहे अवैध कार्यों को बंद करने के लिए विशेष अभियान चला रही है। बैतूल पुलिस का कहना है कि, जिले में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियां नहीं चलने दी जा सकती। ऐसा करते पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी ।परंतु इसके बाद भी विकासखंड के प्रभात पट्टन में अंबेडकर चौक के पास , सोसाइटी के पीछे दो सगे भाइयों द्वारा, सरेआम तौर पर सट्टा पट्टी काटी जा रही है ,और वह क्षेत्र के बड़े सट्टा खाईवाल बन गए हैं। बैतूल पुलिस की विशेष कार्रवाई के कारण बैतूल जिले सहित अन्य आमला, मुलताई ,सहित अन्य नगरों में सट्टा पूरी तरह से बंद है ? परंतु प्रभात पट्टन के सट्टा संचालकों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो पा रही है यह एक सवाल है? वर्तमान में बैतूल पुलिस द्वारा छापामार कार्रवाई कर, आमला और रतेडा में छापा मार कर सट्टा संचालकों पर कार्यवाही की है। परंतु प्रभात पट्टन के यह दोनों भाई सट्टा संचालक ,विगत दिनों पुलिस की गिरफ्त में आए थे ,परंतु छूट जाने के बाद फिर भी वह सरेआम सट्टा संचालन कर रहे हैं। आखिर इनके पास ऐसा कौन सा सुप्रीम पावर है, जिसका असर इन पर नहीं होता? कौन सी ऐसी शक्ति है जो इन्हें संरक्षण दे रही है? इस तरह सरेआम चल रहा सट्टे का कारोबार, पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े करता है?


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